स्कोवा
पेंशनभोगी संघों के सदस्यों के साथ परामर्श करने अथवा उनके द्वारा प्रतिनिधित्व के लिए एक तंत्र
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने संसदीय सलाहकार समिति की सिफारिशों पर वर्ष 1986 में स्वैच्छिक एजेंसियों की स्थायी समिति (स्कोवा) का गठन किया । स्कोवा 15 गैर-सरकारी सदस्यों (5 स्थायी समूह और 10 चक्रीय समूह के सदस्य) से बना है जिसका प्रतिनिधित्व भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों/क्षेत्र/ राज्य आदि के पेंशनभोगी सघों द्वारा किया जाता है । सरकारी सदस्य भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह उनके सघों और संबंधित मंत्रालयों/ विभागों के माध्यम से हितधारकों अर्थात पेंशनभोगियों के साथ परामर्श करने के लिए एक उपयोगी मंच है । यह संघ को सीधे संबंधित मंत्रालयों/ विभागों के सामने पेंशनभोगियों के कल्याण से संबंधित उनके मामले उठाने के लिए अवसर प्रदान करता है ।
स्कोवा निम्नलिखित उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए कार्य करती है :- /
- पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की नीतियों/ कार्यक्रम के कार्यान्वयन पर प्रतिक्रिया (फ़ीडबैक) प्रदान करने के लिए।
- नीतिगत पहलों पर चर्चा और उनकी समीक्षात्मक जांच करने के लिए; और
- सरकारी कार्रवाई के पूरक स्वैच्छिक प्रयासों को एकजुट करने के लिए।
इसने सकारात्मक चर्चा की स्वस्थ परंपरा को बनाए रखा है।